সর্বজগতেই একথা প্রসিদ্ধ আছে যে চার যুগেই আপনার প্রতাপ সমুজ্জল ভাবে বর্তমান। व्याख्या – रोग के नाश के लिये बहुत से साधन एवं औषधियाँ हैं। यहाँ रोग का मुख्य तात्पर्य भवरोग से तथा पीड़ा का तीनों तापों (दैहिक, दैविक, भौतिक) से है जिसका शमन श्री हनुमान जी के स्मरण मात्र https://hariharan-shree-hanuman-c45555.buscawiki.com/840408/the_fact_about_hariharan_shree_hanuman_chalisa_that_no_one_is_suggesting