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Lyrics shiv chalisa Fundamentals Explained

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काशी में विश्वनाथ विराजत नन्दी ब्रह्मचारी । कार्तिक श्याम और गणराऊ। या छवि को कहि जात न काऊ॥ अर्थ- त्रयोदशी (चंद्रमास का तेरहवां दिन त्रयोदशी कहलाता है, हर चंद्रमास में दो त्रयोदशी आती हैं, एक कृष्ण पक्ष में व एक शुक्ल पक्ष में) को पंडित बुलाकर हवन करवाने, ध्यान करने https://shivchalisas.com

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