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तन्हाई में खोया, अकेला हूँ मैं | Judai Aur Tanhai Ki Dastaan | Sad Ghazal | दर्द भरी ग़ज़ल

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बूढ़ा, लाचार, इंसान अक्सर अकेला रह जाता है। इंतज़ार करते करते एक और शाम बीत जाएगी !! अगर तू देख ले तो कभी तन्हा न छोड़े मुझे। “कहने को तो सब अपने हैं, पर सच में कोई साथ नहीं।” “आँख में पानी रखो होंटों पे चिंगारी रखो जहां तुम्हारे अपने https://youtu.be/Lug0ffByUck

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