तिलक काठी में निकलू घर से मोहे सकल संसार दूसरी लौंग दिखाए छाती, रूठे को मना लाए, बैठे को उठा लाए “ओम कामदेवाय शाकाल शाद्रष दक्ष दशु धारा कुसुम हैं हैं स्वाहा ये हमें उस माध्यम से कनेक्ट होने में मदद करती है जिससे हम जुड़ना चाहते है. ॥ॐ ऐं सूदर्शनाय (अमुक) https://realtor09865.blogocial.com/the-2-minute-rule-for-bhairav-70533096